26 अगस्त 2022

मेजर बलवंत हिंदी उपन्यासकार

मेजर बलवंत हिंदी उपन्यास साहित्य में कर्नल रंजीत नामक ट्रेड नेम लेखक का एक पात्र था। कर्नल रंजीत के इसी पात्र की लोकप्रियता को देखते हुए किसी ने इसी नाम का लेखक खड़ा कर दिया और अलग अलग लेखकों ने मेजर बलवंत नाम से उपन्यास लिखे। मेजर बलवंत के नाम से किस किस लेखक ने लिखा है और वो कौन थे इस बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं हो सकी है।

उपन्यासकार मेजर बलवंत के उपन्यास सूची:-
1. समुद्र का हत्यारा
2. फ्लैट नंबर 102
3. मौत की शाम
4. एजेंट जीरो
5. होटल गोल्डन स्टार
6. खूनी नक्शा
7. ब्ल्यू हैवन क्लब
8. इन्टरनेशनल षड्यंत्र
9. मौत की शतरंज
10. लावारिश लाश
11. ब्लैकमेलर की हत्या
12. जहरीले इंसान
13. जुङवा लाशें
14. आखिरी डकैती
15. ब्लैक बाॅस
16. फ्लैट में लाश
17. खूनी बंगला
18. निर्दोष अपराधी
19. कत्ल की रात
20. अपराधी की मौत
21. रिपोर्टर की हत्या
22. कैदी नंबर 314
23. खूनी रिश्ते
24. लाश का प्रतिशोध
25. मौत का सिलसिला
26 जल्लाद
27 बैंक रॉबरी
28 रिसीवर
29 इंटरनेशनल मिशन
30 खूनी चक्रव्यूह
31 फोटो का कत्ल
32 मूर्तियों की मौत
33 गुनाह का लावा
34 आग ही आग
35 कातिल फरिश्ता
36 नर्क का राजा 
37 दौलत की लंका
38 मैं इंतकाम लूंगा
39 षडयंत्र
40 कार में लाश
41 मौत ही मौत
42 टेलीफोन जासूस
43 मर्डर रिपोर्ट
44 साढ़े तीन मिनट
45 देवी दीदी
46 इकबाल-ए- जुर्म
47 मौत का व्यापार
48 थाने में डकैती
49 गोली और चीख
50 मजबूर कातिल
51 पाप का चक्रव्यूह

उपरोक्त जानकारी के अलावा किसी पाठक मित्र के पास कोई जानकारी हो तो कॉमेंट के जरिए हमारे साथ सांझा जरूर करे।।

15 अगस्त 2022

एम० एल० पाण्डेय हिंदी उपन्यासकार

हिंदी उपन्यास साहित्य में बाबू देवकीनंदन खत्री के बाद जिन लेखकों का नाम आता है उनमें अकरम इलाहबादी, इजहार असगर, आदिल रशीद,इब्ने शफी आदि का नाम आता है। इन्ही उपन्यासकारों में एक उपन्यासकार है श्री एम० एल० पाण्डेय...

एम० एल० पाण्डेय जी कौन थे कहा से थे इस बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं हो सकी है परंतु इनके उपन्यास तिलिस्मी जासूस कार्यालय न० १, कोफ्ता गिरा, इलाहाबाद ३ से मुख्य रूप से प्रकाशित होते रहे हैं। इसके अलावा मधुप जासूस नामक पत्रिका में भी इनकी रचनाएं प्रकाशित हुई है।
श्री एम० एल० पाण्डेय जी की उपन्यास सूची :-
१ रेतीला खज़ाना
२ काला नकाब पोश
३ हीरो की चोरी
४ इंसानी कुर्बानी
५ नाना पुत्र (सम्पूर्ण)
६ खूनी राजकुमारी
७ नीली छतरी (सम्पूर्ण)
८ सुबह का तारा
९ कैद न० ५५ (सम्पूर्ण)
१० मृत्युवाहक आँख
११ जयंत की फांसी
१२ प्रेतों का डेरा
१३ जादुई तलवार
१४ दो मुंहा शत्रु
१५ बर्मी गुंडे
१६ कैदी राजकुमार
१७ खजाने की खोज
१८ कबूतरी
१९ मांतेजुमा की बेटी
२० जाम्बासुर का नाती 
२१ तिलिस्म में हलचल
२२ भयानक चीख
२३ नारी की हत्या
२४ कुचली खोपड़ी
२५ तिलिस्मी दीवार
२६ तीन खून (सम्पूर्ण)
२७ काला मोती
२८ सात की गिनती
२९ फरार कैदी
३० सातवीं रात
३१ रत्नमय कुंए की लूट
३२ स्वर्ग लोक के हत्यारे
३३ बोलता हुआ मुर्दा
३४ तिलिस्मी लड़ाइयां
३५ सरकारी मेल की लूट
३६ दूसरा शिकार (सम्पूर्ण)
३७ फुयांचू के कारनामे
३८ ऐय्यारो का जाल
३९ जम्बासुरी चादर
४० पीताम्बर की प्रेमिका
४१ तिलिस्मी वन
४२ आनंदसिंह की रिहाई
४३ खूनी अदा
४४ निर्दोष अपराधिनी
४५ तूफान
४६ घातक संजीवनी
४७ बदमाशों का चक्कर
४८ शाही अंगूठी
४९ अजय का साहस
५० फुमांचू की वापसी
५१ हारी रोशनी
५२ पन्ता प्रेयसी
५३ भीरू भील (सम्पूर्ण)
५४ यूनानी गुंडा
५५ मृत्यु गुफ़ा
५६ मार्गिक भेड़िया
५७ चार चांडाल
५८ जिब्राल्टर का खूनी
५९ चित्रकार की लड़ाई
६० नजर की चोट
६१ सी-सूं की जागीर
६२ चार लाश
६३ हत्यारा
६४ खूनी हींग
६५ फुमांचु का प्रतिशोध
६६ दुष्ट फुमांचू
६७ जादुई दर्पण
६८ सुधा (सम्पूर्ण)
६९ दुष्टा का चंगुल
७० खूनी षडयंत्र
७१ मृत्यु संघर्ष
७२ दंतिले सर्पों वाला दल
७३ अदभुत मनुष्य
७५ अंतिम बलिदान

किसी भी पाठक मित्र के पास कोई जानकारी हो तो वो कॉमेंट के जरिए हमारे साथ सांझा करे...

03 अगस्त 2022

अनिल मोहन (प्रसिद्ध हिंदी उपन्यासकार)

अनिल मोहन - हिंदी उपन्यास जगत में एक ऐसा नाम जिसे किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है। 
                   अनिल मोहन जी

अनिल मोहन हिंदी उपन्यास जगत (लुगदी साहित्य) में एक बेहद प्रसिद्ध उपन्यासकार हैं। जासूसी, थ्रिलर एवं फैंटेसी पर आधारित उपन्यास लिखना इनकी विशेषता है। इनका पूरा नाम अनिल मोहन भारद्वाज है और ये दिल्ली में विकासपुरी क्षेत्र के निवासी हैं। 

हिंदी उपन्यास जगत में एक समय ऐसा भी था जब सिर्फ सुरेंदर मोहन पाठक, वेद प्रकाश शर्मा और अनिल मोहन की तिकड़ी ही मुख्यतः छाई हुई थी। उस समय मार्केट में बिकने वाले हिंदी उपन्यासों में अधिकांश उपन्यास इन तीनों के ही होते थे। उस दौरान अनिल मोहन के किसी भी उपन्यास की छपते ही 50,000 प्रतियां बिक जाती थीं। 

अनिल मोहन जी को लिखने का शगल तो शुरू से ही था परंतु कॉलेज की पढ़ाई खत्म होते- होते उनका ये शगल उन्हें हिंदी उपन्यास लेखन के क्षेत्र में खींच लाया। परंतु उस समय किसी भी नए लेखक के लिए शुरुआत में ही स्वयं के नाम से उपन्यास प्रकाशित करवा पाना बहुत कठिन होता था। प्रकाशक पहले नए लेखक को प्रेत लेखन में अवसर देकर परखता था। फिर अगर लेखक की लेखनी में दम हो, उसकी किस्मत अच्छी हो और प्रकाशक भी बढ़िया हो तो कुछ वर्षों में लेखक का स्वंय के नाम से उपन्यास प्रकाशित हो जाता था। बहुत से लेखकों का तो अपना उपन्यास प्रकाशित करवाने का सपना अधूरा ही रह गया था।

हमारे पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार अनिल जी ने भी अपने लेखन कैरियर के प्रथम 11 से 12 वर्षों तक प्रेत लेखन ही किया था और सिर्फ प्रेत लेखक के रूप में ही उन्होंने लगभग 300 से अधिक उपन्यास लिखे थे। उन्होंने अपना पहला उपन्यास इब्ने कफ़ी के नाम से लिखा, प्रेत लेखक के रूप में उन्होंने विभिन्न प्रकाशकों के लिए काम किया और कई ट्रेड नाम वाले लेखकों के नाम से प्रेत लेखन किया जैसे कि  नागपाल, राजवंश, मेजर बलवंत, मीनाक्षी माथुर कर्नल रंजीत इत्यादि। 

आखिरकार 1988 में वो समय भी आया जब अनिल जी का प्रथम उपन्यास "सबसे बड़ा हत्यारा" उनके नाम से प्रकाशित हुआ। यह उपन्यास जब मार्केट में आया तो पाठकों ने इसे पसंद किया। इसके बाद अपने हर उपन्यास के प्रकाशन के साथ अनिल जी पाठकों के दिल में अपनी जगह बनाते गए और सफलता की सीढियां चढ़ते चले गए। अनिल जी के स्वयं के नाम से अब तक 250 से भी अधिक उपन्यास विभिन्न प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित किये जा चुके हैं। इनके काफी उपन्यास रीप्रिंट हो चुके हैं तथा इन्होंने कई उपन्यास अमेजन की वेबसाइट पर किंडल एडिशन में भी रिलीज किए हैं। कुछ प्रकाशकों ने इनकी लोकप्रियता को भुनाने के लिए इनकी अनुमति के बिना इनके कुछ उपन्यासों के रीप्रिंट तथा ऑडियोबुक्स रिलीज करने की कोशिश भी की थी जिसे अनिल मोहन ने कानूनी कार्रवाई के माध्यम से रुकवा दिया था।

अनिल मोहन के पसंदीदा लेखक अंग्रेजी उपन्यासकार जेम्स हेडली चेस हैं। अनिल जी एक वर्ष में 9 से 10 उपन्यास तक लिख देते थे। काफी वर्षों तक उन्होंने उपन्यास लिखने की ऐसी गति बरकरार रखी जिस कारण उनके द्वारा लिखे उपन्यासों की संख्या अधिक है। 

विभिन्न पाठकों के साथ अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स (व्हाट्सएप, टेलीग्राम, फोन, मुलाकात इत्यादि) पर हुए वार्तालाप के दौरान हमने ये पाया कि कई पुराने पाठकों के अनुसार अनिल मोहन ने प्रेत लेखन सहित कुल मिलाकर लगभग 700 से ज्यादा उपन्यास लिखे हैं। हमारे लिए इस आंकड़े की पुष्टि करना कठिन है क्योंकि उस जमाने में हिंदी उपन्यासों का रिकॉर्ड अधिक गंभीरता से सहेजकर नही रखा जाता था। स्वयं अनिल जी के लिए भी उनके द्वारा लिखे गए उपन्यासों के नाम तथा उनकी संख्या की सही पुष्टि कर पाना कठिन होगा।

अनिल मोहन द्वारा रचे गए मुख्य पात्रों की लिस्ट में देवराज चौहान, मोना चौधरी, अर्जुन भारद्वाज, आर. डी. एक्स. (राघव धर्मा एक्स्ट्रा की तिकड़ी), विजय बेदी और जुगल किशोर के नाम उपस्थित हैं। साथ ही यादगार सहायक पात्रों की लिस्ट में सोहनलाल, जगमोहन, पारसनाथ, महाजन, महादेव, वानखेड़े, नगीना, गजाला, फकीर पेशीराम जैसे नाम शामिल हैं। 

अगर उपन्यास श्रृंखलाओं की बात करें तो अनिल मोहन ने देवराज चौहान, मोना चौधरी, अर्जुन भारद्वाज, आर डी एक्स, जुगल किशोर तथा विजय बेदी सीरीज के उपन्यास लिखे हैं। ये सब उपन्यास मुख्यत: जासूसी, थ्रिलर और फैंटेसी श्रेणी के हैं। इनमें से देवराज चौहान तथा मोना चौधरी सीरीज के उपन्यास पाठकों में सर्वाधिक लोकप्रिय रहे हैं। अनिल जी ने सबसे अधिक उपन्यास देवराज चौहान श्रृंखला में लिखे हैं जो कि इनकी सबसे सफल श्रृंखला है। उपरोक्त लिखित उपन्यास श्रृंखलाओं के अलावा अनिल मोहन ने बिना किसी श्रृंखला वाले थ्रिलर उपन्यास भी लिखे हैं।

आपको अनिल मोहन द्वारा रचित काफी सारे उपन्यास ऐसे मिलेंगे जो पार्ट्स में लिखे गए हैं। एक ही कहानी 2, 3 या उससे भी ज्यादा उपन्यासों में जाकर पूरी होती है। उनकी ऐसी कई कहानियां अभी तक पूरी नहीं हो पाई क्योंकि बचे हुए पार्ट्स वाले उपन्यास या तो प्रकाशित नहीं हुए या फिर अनिल जी कहानी के बचे हुए पार्ट्स लिख ही नहीं पाए। इसका कारण चाहे जो भी रहा हो, अधूरी बची कहानियों को पूर्ण करने की उम्मीद आज भी कई पाठक अनिल मोहन से लगाए बैठे हैं।

पात्रों के अनुसार अनिल मोहन जी के उपन्यासों की लिस्ट निम्नलिखित हैं:

महादेव :-
घर का शेर
मोहरा
दौलत के खिलाड़ी
फायर
जहाज नंबर 302
लूटमार
दूसरा चेहरा
फिरौती

 वानखेडे:-
दिन दहाड़े लूट
जान के दुश्मन
खूंखार
जांबाज
डकैती
टक्कर
विधि का विधान
दौलत का ताज
आतंक का पहाड़
एक रुपये की डकैती
301 करोड़ की चाबी
डकैती के बाद
गिरोहबाज
पहरेदार
जालिम
विस्फोट
अंडरग्राउंड
हथियार
एक डकैती ऐसी भी
तबाही
दौलत मेरी मुठी में
एक दिन का हिटलर
फायर
बदमाशों की टोली
कमांडो
सरकारी शैतान
मिशन डकैती मास्टर
डकैती तेरे नाम की
ठेकेदार
यारी दौलत से
दौ लत मेरी माँ
गुर्गा
हैवान
आर.डी.एक्स 
गुरु का गुरु
हाईजैकर
संगीन डकैती
वर्दी का नशा
मुखबिर
बबूसा
डकैती का अलार्म
कॉन्ट्रैक्ट
लाइसेंस टू किल
मिशन प्राइम मिनिस्टर
हांगकांग में डकैती
किस्मत का सुलतान

सोहनलाल:-
पाप का घड़ा
बारूद का ढेर
डंके की चोट
दोलत के दांत
धोखाधड़ी
पहरेदार
हमला
जालिम
बादशाह
विस्फोट
अंडरग्राउंड
तबाही
एक दिन का हिटलर
जहाज नंबर 302
जीत का ताज
ताज के दावेदार
कमांडो
कौन लेगा ताज
रफ्तार
डाका
पहली चोट
सरकारी शैतान
दूसरी चोट
तीसरी चोट
महामाया की माया
चौकीदार
मिशन डकैती मास्टर
डकैती तेरे नाम की
ठेकेदार
यारी दौलत से
जुआरी
दोलत मेरी माँ
27 सेकंड
देवदासी
इच्छाधारी
हिस्सेदार
नागराज की हत्या
विष मानव
दौलत का जहाज
मास्टर
गुड्डी
मंत्र
गुर्गा
केकड़ा
गिरोह
आर.डी.एक्स 
गुरु का गुरु
माई का लाल
हाईजैकर
जथुरा
पोटेबाबा
यू टर्न
महाकाली
बंधक
सबसे बड़ा हमला
किस्मत का सुल्तान
नसीब के पत्ते
नागमणि
नरबलि
100 माइल्स
डॉन जी
नागिन
सबसे बड़ा गुंडा
वर्दी का नशा
मैं हूं देवराज चौहान
जिंदा आंखें
मुखबिर
मिस्ड कॉल
बबूसा
बबूसा और राजा देव
डकैती का जादूगर
लाइसेंस टू किल
वो कौन था
हांगकांग में डकैती

गजाला:-
ज्वालामुखी
खूंखार
जांबाज
आतंक का पहाड़
जिन्न
हाईजैकर


उनके श्रृंखलाबद्ध रूप में लिखे गए उपन्यासों की लिस्ट निम्नलिखित है :-

2 उपन्यास वाली श्रृंखलाएं:-
हमला, जालिम
ज्वालामुखी, खूंखार
100 माइल्स, डाॅन जी
सबसे बड़ा गुण्डा, मैं हूँ देवराज चौहान
एक रुपये की डकैती, डकैती के बाद
बारूद से मत खेलो, दौलत के दांत
अंडरवर्ल्ड, गैंगवार
अनोखी दुल्हन, दुल्हन मेरी मुट्ठी में
दौलत मेरी माँ, जीना इसी गली में
पहरेदार, सुलग उठा बारूद
फिक्स्ड गेम, डबल प्ला‌‌न
ऑपरेशन टू किल, ऑपेरशन 24 कैरेट
खबरी, अघोरी

3 उपन्यास वाली श्रृंखलाएं:-
दिल्ली का दादा, दरिंदे, हिंसक
जथूरा, पोतेबाबा, महाकाली
बंधक, सबसे बड़ा हमला, वांटेड अली
नागिन, नरबलि, नागमणि
डकैती का जादूगर, हांगकांग में डकैती, लाइसेंस टू किल
ताज के दावेदार, कौन लेगा ताज, जीत का ताज
पूर्वजन्म, यज्ञ, मायाजाल

4 उपन्यास वाली श्रृंखलाएं:-
पहली चोट, दूसरी चोट, तीसरी चोट, महामाया की माया
गोला बारूद, भूखा शेर, आदमखोर, निशानेबाज
सरगना, मास्टर, गुड्डी, मंत्र
देवदासी, इच्छाधारी, नागराज की हत्या, विष मानव
नब्बे करोड़, 36 दिन, सच का सिपाही, डमरू

6 उपन्यास वाली श्रृंखला:-
बबूसा, बबूसा और राजादेव, बबूसा खतरे में, बबूसा का चक्रव्यूह, बबूसा और सोमाथ, बबूसा और खुंबरी


अगर आपके पास अनिल मोहन जी के बारे में कोई और जानकारी उपलब्ध हो तो कॉमेंट्स के माध्यम से हमारे साथ शेयर करें। हमेशा की तरह हमें आपके कॉमेंट्स की प्रतीक्षा रहेगी।

30 जुलाई 2022

उपन्यास प्रतियोगिता १ परिणाम

जैसे की इस महीने की १५ तारीख को हमने एक प्रतियोगिता रखी थी तो आज उनके उत्तर और प्रतिभागियों का नाम आप सभी के सामने प्रस्तुत करते हैं। प्रतियोगिता में चार प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया है।

१ प्रश्न :- किस उपन्यास में देवराज ऐसे खजाने की लूट की कोशिश करता है जो इतना बड़ा है कि जिससे दूसरा हिंदुस्तान बसाया जा सके?
उत्तर : - २७ सैकेंड 

२ प्रश्न :- अगर यह रकम सीधे से मुझे हासिल न हुई तो आपका यह बम्बई शहर मौत का ऐसा नाच देखेगा जैसा कभी किसी ने कहीं न देखा होगा । मैं यहां जहन्नुम का वो नजारा पेश करूगा कि आपकी और आपकी समूची आर्गेनाइज़ेशन की आत्मा त्राहि-त्राहि कर उठेगी । मैं राजबहादुर बखिया की ईंट से ईंट बजा दूंगा। 
प्रस्तुत अंश किस लेखक के किस उपन्यास से लिया गया है लेखक और उपन्यास का नाम बताए?
उत्तर : - विमल का इंसाफ (सुरेंद्र मोहन पाठक)

३ प्रश्न :- लुगदी साहित्य के ऐसे दो किरदार का नाम बताइए जिनके नाम से घोस्ट लेखन से लिखी किताब भी बहुत पोपुलर हुई है?
उत्तर : - रीमा भारती, केशव पंडित, मेजर बलवंत, आशीर्वाद (इस प्रश्न के कई उत्तर हो सकते हैं)

४ प्रश्न :- बहु की आवाज़ किस उपन्यासकार के किस उपन्यास पर बनी है?
उत्तर : - वेद प्रकाश शर्मा (बहु मांगे इंसाफ)

५ प्रश्न :- नीचे दिखाया गया चित्र किस उपन्यासकार का है?
उत्तर : - राकेश पाठक

६ प्रश्न :- उस गैलरी के आखिरी कोने में वॉल्ट के स्ट्रॉन्ग रूम का दरवाजा था और दरवाजे तक पहुंचने के बीस फीट लंबे रास्ते पर बारूद भी बिछा था, जिस पर पैर रखते ही शरीर लोथड़ों में बदल जाना था और बीस फीट लंबे सुलगते बारूद को पार किए बिना वॉल्ट के दरवाजे तक पहुंचना असंभव था जिसके पार करोड़ों अरबों की अथाह दौलत मौजूद थी। जबकि उस दौलत को पाने के लिए देवराज चौहान अपना कदम आगे बढ़ा चुका था। आज उसे गोल्ड वॉल्ट में डकैती डालनी ही थी..
प्रस्तुत अंश किस उपन्यासकार के उपन्यास का है जो की सिर्फ एक विज्ञापन रह गया कभी प्रकाशित ना हो सका?
उत्तर : - सुलग उठा बारूद (अनिल मोहन)

७ प्रश्न :- हिंदी साहित्य में तिलस्मी उपन्यासों के जनक कौन थे, जिनके कारण लाखों लोगों ने हिन्दी सीखा?
उत्तर : - देवकीनंदन खत्री

८ प्रश्न :- बाल उपन्यासकार एस.सी.बेदी साहब का पूरा नाम क्या था?
उत्तर : - सुभाष चंद्र बेदी

९ प्रश्न :- उपन्यासकार जोड़ी धरम राकेश का पूरा नाम क्या है?
उत्तर : - धरम बारिया और राकेश मोहन गर्ग

१० प्रश्न :- निम्न फोटो को पहचाने किस उपन्यासकार का है और इनका वास्तविक नाम क्या है?
उत्तर : - एस कुमार के उपन्यास ( फोटो राजभारती के छोटे भाई किशन सिंह की है)

प्रतिभागी जिन्होंने प्रतियोगिता में भाग लिया है:-
१ - जय
२ - रतन चौधरी (संगरिया राजस्थान)
३ - तस्कीन अहमद (अलीगढ़)
४ - राकेश सिंह (कतर)

प्रतिभागियों के सही उत्तर
१ जय - 10

२ रतन चौधरी - 6 ( सवाल 1 5 8 का जवाब नही दिया गया सवाल का जवाब राजभारती गलत है जबकि राजभारती एस कुमार के नाम से लिखते थे)

३ तस्कीन अहमद - 8 ( सवाल एक का जवाब नही दिया गया है। सवाल दस का जवाब राजभारती गलत है हालाकि एस कुमार के नाम से राजभारती जी लिखा करते थे। vps की रचना का नाम नही बताया गया )

४ राकेश सिंह - 6 (सवाल 4,5 का जवाब नही दिया गया और 8 का बेदी है जबकि राय किया गया है सवाल 10 का जवाब गलत दिया गया है)

विजेता के नाम 
१ जय 
२ तस्कीन अहमद
३ रतन चौधरी
(तीनो विजेताओं को शुभकामनाएं। कल या परसो तक आपसे कॉन्टेक्ट करके आपकी पसंदीदा बुक आपको भेज दी जाएगी। भविष्य में भी आप प्रतियोगिता में भाग लेंगे तो हमे खुशी होगी...)

18 जुलाई 2022

उपन्यास प्रतियोगिता १

उपन्यास प्रतियोगिता २०२२
नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए और उपन्यास जीतिए।
प्रतियोगिता समय अवधि - १८.०७.२०२२ से ३०.०७.२०२२

प्रतियोगिता के नियम अवश्य देखे।

१ प्रश्न :- किस उपन्यास में देवराज ऐसे खजाने की लूट की कोशिश करता है जो इतना बड़ा है कि जिससे दूसरा हिंदुस्तान बसाया जा सके?

२ प्रश्न :- अगर यह रकम सीधे से मुझे हासिल न हुई तो आपका यह बम्बई शहर मौत का ऐसा नाच देखेगा जैसा कभी किसी ने कहीं न देखा होगा । मैं यहां जहन्नुम का वो नजारा पेश करूगा कि आपकी और आपकी समूची आर्गेनाइज़ेशन की आत्मा त्राहि-त्राहि कर उठेगी । मैं राजबहादुर बखिया की ईंट से ईंट बजा दूंगा। 
प्रस्तुत अंश किस लेखक के किस उपन्यास से लिया गया है लेखक और उपन्यास का नाम बताए?

३ प्रश्न :- लुगदी साहित्य के ऐसे दो किरदार का नाम बताइए जिनके नाम से घोस्ट लेखन से लिखी किताब भी बहुत पोपुलर हुई है?

४ प्रश्न :- बहु की आवाज़ किस उपन्यासकार के किस उपन्यास पर बनी है?

५ प्रश्न :- नीचे दिखाया गया चित्र किस उपन्यासकार का है?
६ प्रश्न :- उस गैलरी के आखिरी कोने में वॉल्ट के स्ट्रॉन्ग रूम का दरवाजा था और दरवाजे तक पहुंचने के बीस फीट लंबे रास्ते पर बारूद भी बिछा था, जिस पर पैर रखते ही शरीर लोथड़ों में बदल जाना था और बीस फीट लंबे सुलगते बारूद को पार किए बिना वॉल्ट के दरवाजे तक पहुंचना असंभव था जिसके पार करोड़ों अरबों की अथाह दौलत मौजूद थी। जबकि उस दौलत को पाने के लिए देवराज चौहान अपना कदम आगे बढ़ा चुका था। आज उसे गोल्ड वॉल्ट में डकैती डालनी ही थी..
प्रस्तुत अंश किस उपन्यासकार के उपन्यास का है जो की सिर्फ एक विज्ञापन रह गया कभी प्रकाशित ना हो सका?

७ प्रश्न :- हिंदी साहित्य में तिलस्मी उपन्यासों के जनक कौन थे, जिनके कारण लाखों लोगों ने हिन्दी सीखा?

८ प्रश्न :- बाल उपन्यासकार एस.सी.बेदी साहब का पूरा नाम क्या था?

९ प्रश्न :- उपन्यासकार जोड़ी धरम राकेश का पूरा नाम क्या है?

१० प्रश्न :- निम्न फोटो को पहचाने किस उपन्यासकार का है और इनका वास्तविक नाम क्या है? 
११ आपने पसंदीदा किन्ही भी तीन उपन्यासकारो के नाम बताए?
(अनिवार्य नही है)

प्रतियोगिता के नियम:-
mybookshelf का निर्णय अंतिम व मान्य होगा।
प्रतियोगिता में आधार पहले उत्तर दो पहले इनाम पाओ।
प्रतिभागी को इस पोस्ट के नीचे एक कॉमेंट करना होगा की "मैं (अपना नाम और कॉन्टेक्ट नंबर) इस प्रतियोगिता में भाग ले रहा हूं।" ये नियम प्रतियोगिता के पारदर्शिता के लिए है।
सभी प्रश्नों के उत्तर देने वाले प्रतिभागी को पुरस्कृत किया जाएगा। अगर कोई सभी प्रश्नों के उत्तर सही नही दे सकेगा तो सबसे ज्यादा सही जवाब वाले जवाब प्रदाता को विजेता घोषित किया जाएगा।
प्रतियोगिता से संबंधित जानकारी आपको समय समय पर ब्लॉग पर मिलती रहेगी।
प्रतियोगिता का निर्णय ३०.०७.२०२२ को दिया जाएगा।
समस्त प्रश्नों के उत्तर मेल करे या फिर आप कॉमेंट के माध्यम से भी दे सकते है -
मेल आईडी:- skbishnoi128@gmail.com
कॉन्टेक्ट :- 7497070299
प्रतियोगिता जितने वाले प्रतिभागी निम्न फोटो से कोई भी इनाम चुन सकते है।
         विजेता अपनी पसंद से उपन्यास चुन सकते हैं 

प्रथम प्रतिभागी कोई भी ३ उपन्यास
द्वितय प्रतिभागी कोई भी २ उपन्यास
तृतीय प्रतिभागी कोई भी २ उपन्यास
नोट :- प्रथम प्रतिभागी के चुनने के बाद जो भी उपन्यास होंगे उनमें से ही द्वितय प्रतिभागी को चुनने होंगे। ऐसे ही प्रथम और द्वितीय प्रतिभागी के उपन्यास चुनने के बाद जो उपन्यास बचेंगे उनमें से तृतीय प्रतिभागी को चुने होंगे।