27 अगस्त 2021

केशव की शादी - केशव पंडित

उपन्यास 📖 :- केशव की शादी

लेखक ✍️ :- केशव पंडित

पेज संख्या 📄 :- 400

मूल्य 💵 :- 40 रुपए

एक बार अवश्य पढ़ें....... 

पृथ्वी से हज़ारों प्रकाशवर्ष दूर एक ग्रह है टूगाड़ा।

वहाँ की रानी है सुगामा और राजकुमारी मैगो।

दोनों वैज्ञानिक है । मैगो ने ऐसी उडनतश्तरी बनाई है जो कुछ ही घंटों में पृथ्वी पर आ सकती है।राजकुमारी कई बार चोरी छिपे आती है और यहां से बहुत सारी जानकारी लेती है तभी सिंगही को ये बात मालूम हो जाती है और सिंगही एक जाल में फंसाकर मैगो के साथ टुगाड़ा पहुँच जाता है और धीरे धीरे धोखे से माँ बेटी को कैद करके राजा बन जाता हूं।

फिर दुनिया के बहुत सारे वैज्ञानिक को किडनैप करके विश्व सम्राट बनने का मिशन शुरू करता है।

उन्ही में से विक्टर नामक सिरफिरा वैज्ञानिक एक ऐसी खोज करता है कि हज़ारो लाखों वर्ष पूर्व मरे हुए लोगों के डीएनए से उन्हें जीवित किया जा सकता है फिर वह दुनिया की सबसे सुंदर स्त्री क्लियोपेट्रा को जिंदा कर देता है जिसे सिंगही अपनी रानी बना लेता है। 


फिर विक्टर इतिहास के सबसे क्रूर शासकों हिटलर नेपोलियन ग़ज़नवी जैसे 10  शासकों को जिंदा कर देता है।फिर सिंगही और विक्टर एक ऐसी दवा बनाते है जो किसी इंसान या जानवर के शरीर मे जाते ही उसे सौ गुना बड़ा कर देती है यानी इंसान 600 सौ फीट लंबा और 100 फिट से ज्यादा चौड़ा बन जाता है । 


क्लियोपेट्रा भी धोखे से सिंगही को कैद कर खुद रानी बन जाती है। सर्राटा वहाँ का डायनासोर टाइप का जानवर है जो वहाँ हमला बोल देते है तो क्लियोपेट्रा अपने साथियो के साथ दूसरे ग्रह पर जाकर अपना अड्डा बना लेती है और सिंगही भी विक्टर की मदद से अपनी दवा के साथ अफगानिस्तान आकर अपना अड्डा बना लेता है। 


फिर वह अपनी दवा का प्रयोग करता है और एक छोटे से देश को तबाह करके पूरी दुनिया को धमकी देता है कि वो गुलामी स्वीकार कर ले। 


तब अमेरिका इंग्लैंड और भारत जेम्सबोंड स्पाईडरमैन रेम्बो और फैंटम और दिमाग के जादूगर केशव पंडित को अमेरिका बुलाया जाता है जहां अगला हमला होनेवाला है। वहाँ पांचों में कप्तान किसे बनाया जाए ये प्रतियोगिता होती है जिसमे दिमाग का जादूगर जीत जाता है।

अब एक तरफ है सिंगही और इतिहास के सबसे क्रूर योद्धा और दूसरी तरफ है केशव और 4 सुपर हीरो।

केशव पंडित अपने दिमाग से कैसे सिंगही और उसके राक्षसों को रोकता है। ये जानने के लिए ये उपन्यास अवश्य पढ़े।

क्लियोपेट्रा केशव से शादी करना चाहती है क्या वो सफल होगी.......


कहानी बहुत तेज रफ्तार है और इतिहास का बहुत वर्णन है साथ ही विज्ञान के बारे में बहुत सारी जानकारी है। उपन्यास थोड़ा लंबा है लेकिन अच्छा है। हॉलीवुड की फिल्मों को मात देता जिसमे नेपोलियन जब राक्षस बन जाता है तो कैसे आदमियों को खाने लगता है इमारतों को ध्वस्त करता है बहुत क्रूर दिखाया गया है।

समीक्षा 📝 - राकेश कुमार

रेटिंग :- 8/10

20 अगस्त 2021

पवित्र पापी - नानक सिंह

उपन्यास :-पवित्र पापी

मूल भाषा: पंजाबी 

फॉर्मेट: पेपरबैक

उपन्यास खरीदने का लिंक:- एमेजॉन लिंक




ये उपन्यास प्रसिद्द पंजाबी लेखक नानक सिंह द्वारा लिखा गया है जो अब उस संसार में नहीं हैं | इस उपन्यास को मूलत: पंजाबी भाषा से हिंदी भाषा में अनुवादित किया गया है | साथ ही इस उपन्यास को इंग्लिश में भी "Saintly Sinner" नाम से अनुवादित किया जा चुका है 


पवित्र पापी एक भावना-प्रधान उपन्यास है जिसमें युवा घड़ीसाज केदार वीणा नाम की युवती से एकतरफा प्रेम करता है और जब उसे ज्ञात होता है कि वीणा का विवाह पहले ही निश्चित हो चुका है, वह उस विवाह के लिए तन-मन-धन से जुट जाता है। 

दरअसल एक अपराधबोध से ग्रस्त केदार पन्नालाल नाम के एक अधेड़ व्यक्ति के परिवार का भार अपने ऊपर ले लेता है जहां उसकी पत्नी और दो बेटियां वीणा और विद्या होती हैं। 

इस परिवार का गुजारा घड़ीसाज पन्नालाल की सामान्य आय से हो रहा था कि गांव से नौकरी की तलाश में आया केदार एक घटनाक्रम में पन्नालाल के स्थान पर बतौर घड़ीसाज नियुक्त हो जाता है। पन्नालाल उसे कोसता हुआ यह कहकर गायब हो जाता है कि उसकी बदौलत वह आज दाने-दाने का मोहताज हुआ है। तब ग्लानि में डूबा केदार पन्नालाल के ही घर में एक किरायेदार बनकर रहने लगता है। 

केदार न सिर्फ घर की जिम्मेदारियां अपने ऊपर लेता है बल्कि वीणा की पढ़ाई में उसकी मदद करता है और उन्हें यह दिलासा देने में कामयाब हो जाता है कि किसी कार्य के सिलसिले में गए पन्नालाल ने उसे परिवार की जिम्मेवारी सौंपी है। 

अपने मालिक लाला अतर चंद की दुकान से पैसे चोरी करके वह वीणा की मां की सहायता करता है और किसी दूसरे शहर मे जाकर रहने लगता है, जहां से वह हर माह लाला जी को पैसे भेजकर अपना कर्ज चुकाता रहता है।

केदार जब भी काम करते करते थक जाता तो एक ही गीत गाया करता :

'अलविदा ऐ काफ़िले वालो अब मुझे छोड़ दो। 

मेरी किस्मत में लिखीं थी दश्त की विरानियां।'   

पवित्र पापी एक भाव-विभोर कर देने वाला उपन्यास है | इसने अंत में और बीच में भी भाव-विभोर किया |

कौन है केदार ? 

एक विलन जो वीना को हासिल करना चाहता है या एक रक्षक जो वीना के पिता के गायब होने पर न जाने कहा से उसे और उसके परिवार को सहारा देने चला आया है?

क्या वीना के लिए वह भाई है या फिर प्रेमी ?

ऐसे ही सवालों के जवाब मिलेंगे आपको इसे पढ़ कर।


इस उपन्यास पर 'पवित्र पापी' नाम से ही एक फिल्म भी बन चुकी है जिसमे दिग्गज अभिनेता बलराज साहनी, परीक्षित साहनी और अभिनेत्री तनूजा मुख्य भूमिका में थे | फिल्म का लिंक नीचे दिया गया है:

https://en.m.wikipedia.org/wiki/Pavitra_Paapi


अगर आप सवेंदनशील और भावना प्रधान उपन्यास पढ़ना पसंद करते है तो मेरी राय में एक बार इसे जरूर पढ़कर देखे, आपको पसंद आएगा ।