उपन्यास :-पवित्र पापी
मूल भाषा: पंजाबी
फॉर्मेट: पेपरबैक
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ये उपन्यास प्रसिद्द पंजाबी लेखक नानक सिंह द्वारा लिखा गया है जो अब उस संसार में नहीं हैं | इस उपन्यास को मूलत: पंजाबी भाषा से हिंदी भाषा में अनुवादित किया गया है | साथ ही इस उपन्यास को इंग्लिश में भी "Saintly Sinner" नाम से अनुवादित किया जा चुका है
पवित्र पापी एक भावना-प्रधान उपन्यास है जिसमें युवा घड़ीसाज केदार वीणा नाम की युवती से एकतरफा प्रेम करता है और जब उसे ज्ञात होता है कि वीणा का विवाह पहले ही निश्चित हो चुका है, वह उस विवाह के लिए तन-मन-धन से जुट जाता है।
दरअसल एक अपराधबोध से ग्रस्त केदार पन्नालाल नाम के एक अधेड़ व्यक्ति के परिवार का भार अपने ऊपर ले लेता है जहां उसकी पत्नी और दो बेटियां वीणा और विद्या होती हैं।
इस परिवार का गुजारा घड़ीसाज पन्नालाल की सामान्य आय से हो रहा था कि गांव से नौकरी की तलाश में आया केदार एक घटनाक्रम में पन्नालाल के स्थान पर बतौर घड़ीसाज नियुक्त हो जाता है। पन्नालाल उसे कोसता हुआ यह कहकर गायब हो जाता है कि उसकी बदौलत वह आज दाने-दाने का मोहताज हुआ है। तब ग्लानि में डूबा केदार पन्नालाल के ही घर में एक किरायेदार बनकर रहने लगता है।
केदार न सिर्फ घर की जिम्मेदारियां अपने ऊपर लेता है बल्कि वीणा की पढ़ाई में उसकी मदद करता है और उन्हें यह दिलासा देने में कामयाब हो जाता है कि किसी कार्य के सिलसिले में गए पन्नालाल ने उसे परिवार की जिम्मेवारी सौंपी है।
अपने मालिक लाला अतर चंद की दुकान से पैसे चोरी करके वह वीणा की मां की सहायता करता है और किसी दूसरे शहर मे जाकर रहने लगता है, जहां से वह हर माह लाला जी को पैसे भेजकर अपना कर्ज चुकाता रहता है।
केदार जब भी काम करते करते थक जाता तो एक ही गीत गाया करता :
'अलविदा ऐ काफ़िले वालो अब मुझे छोड़ दो।
मेरी किस्मत में लिखीं थी दश्त की विरानियां।'
पवित्र पापी एक भाव-विभोर कर देने वाला उपन्यास है | इसने अंत में और बीच में भी भाव-विभोर किया |
कौन है केदार ?
एक विलन जो वीना को हासिल करना चाहता है या एक रक्षक जो वीना के पिता के गायब होने पर न जाने कहा से उसे और उसके परिवार को सहारा देने चला आया है?
क्या वीना के लिए वह भाई है या फिर प्रेमी ?
ऐसे ही सवालों के जवाब मिलेंगे आपको इसे पढ़ कर।
इस उपन्यास पर 'पवित्र पापी' नाम से ही एक फिल्म भी बन चुकी है जिसमे दिग्गज अभिनेता बलराज साहनी, परीक्षित साहनी और अभिनेत्री तनूजा मुख्य भूमिका में थे | फिल्म का लिंक नीचे दिया गया है:
https://en.m.wikipedia.org/wiki/Pavitra_Paapi
अगर आप सवेंदनशील और भावना प्रधान उपन्यास पढ़ना पसंद करते है तो मेरी राय में एक बार इसे जरूर पढ़कर देखे, आपको पसंद आएगा ।
बहुत ही सुन्दर और मार्मिक वर्णन सुनील ज़ी........... 😘😘😘😘😘😘....... 👍👍👍👍👍👍👍👍👍
जवाब देंहटाएंमार्मिक रचना है।
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छा उपन्यास है
जवाब देंहटाएंबेहद मार्मिक भावपूर्ण रचना,आपको साधुवाद।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया रिव्यू👌👌
जवाब देंहटाएंबहुत धन्यवाद इस रिव्यू के लिए। अब इस उपन्यास को जल्द ही पढूंगा।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर वर्णन।
जवाब देंहटाएंVery nice review, keep it up.
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