प्रिय साथियों ! अप्रकाशित उपन्यासों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने के क्रम को आगे बढ़ाते हुए आज आपको इस पोस्ट में हम बताने जा रहे हैं शगुन शर्मा के अब तक अप्रकाशित उपन्यास "अग्निकुंड" के बारे में !
शगुन शर्मा दिवंगत हिंदी उपन्यासकार वेद प्रकाश शर्मा जी के इकलौते पुत्र हैं | इनके अब तक ३० से अधिक उपन्यास तुलसी पेपर बुक्स से प्रकाशित हो चुके हैं | इनका अंतिम प्रकाशित उपन्यास चिंगारी था |
चिंगारी उपन्यास के अंत में आगामी उपन्यास के तौर पर अग्निकुंड का एड दिया गया था | चिंगारी उपन्यास के लेखकीय में शगुन शर्मा ने अग्निकुंड उपन्यास की एक झलक कुछ इस प्रकार प्रस्तुत की थी :-
अग्निकुंड अपराध की खूंखार दुनिया में सबसे ऊंचे सिंहासन पर बैठे एक ऐसे स्वयंभू न्यायाधीश की खूनी दास्तान है, जिसकी काली अदालत मात्र एक रुपये में इन्साफ बेचने के लिए जानी जाती थी | एक रुपया खर्च करके कोई भी उसकी अदालत से इन्साफ खरीद सकता था | उसकी अदालत का एक ही उसूल था - आँख के बदले आँख और सिर के बदले सिर | उस न्यायाधीश का दावा था कि उसकी अदालत में बेगुनाह को कभी सजा नहीं मिलेगी और गुनहगार को कभी माफ़ी नहीं मिलेगी, यहां तक कि उसकी अदालत के इन्साफ से यमराज भी नहीं बच सकता था !
अग्निकुंड उपन्यास अगर प्रकाशित होता तो उपन्यास की ये झलक जहां एक तरफ पाठक के मन में उत्सुकता जगाती वहीं सहज ही एक प्रश्न भी पैदा करती कि क्या शगुन शर्मा इस उपन्यास को उतना रोचक और मनोरंजक बना पाते जितना उन्होंने लेखकीय में दावा किया था | बहरहाल अब इस प्रश्न का उत्तर तो तभी मिल पायेगा जब अग्निकुंड उपन्यास प्रकाशित होगा ! इस उपन्यास के प्रकाशित न होने का कारण अब तक अज्ञात है |
अगर आपको इस बारे में कोई जानकारी हो तो हमें कमेंट्स के माध्यम से अवगत करवा सकते हैं |
उपन्यासकार शगुन शर्मा के मैंने आरम्भिक उपन्यास ही पढें, बाकी की जानकारी नहीं ।।
जवाब देंहटाएंशगुन शर्मा के उपन्यास
जवाब देंहटाएं1. विकास और केशव पण्डित- 08/2005
2. केशव का बेटा- 10/2005
3. विजेता - 12/2005
4. मेरा बेटा तीर सा - 02/2006
5. केशव की हुँकार- 04/2006
6. कानून की दुल्हन- 07/2006
7. तांडव - 09/2006
8. स्वाहा - 11/2006
9. तथास्तु - 02/2007
10. तरकश -05/2007
11. छुपा रुस्तम -07/2007
12. शतरंज -01/2008
13. शिकस्त - 04/2008
14. खून की गंगा -08/2008
15. गांडीव -10/2008
16. सरगना - 12/2008
17. ताजिराते हिंद -03/2009
18. मैं कौन हूँ - 07/2009
19. हंस - 10/2009
20. गिद्ध दृष्टि - 12/2009
21. नीलकंठ - 05/2010
22. चक्रवात -09/2010
23. मौत का मेला -12/2010
24. बिगुुल -04/2011
25. बंधक -07/2011
26. आरोप - 00/2011
27. आगाज -04/2012
28. कांटा -06/2012
29. निगहबान -10/2012
30. इरादा -03/2013
31. किरदार -07/2013
32. मंथन -11/2013
33. सिहनाद -
34. धरोहर -01/2015
35. चिंगारी -06/2016
36. अग्निकुण्ड (संभवतः अप्रकाशित)
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
हटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
हटाएंअफसोस कि "अग्निकुंड" अब कभी प्रकाशित नहीं होगा। क्योंकि उसका मटीरियल लेखक के पास कभी था ही नहीं। इसका जामिन वक्त है। रही बात "चिंगारी" की तो यही शगुन शर्मा का आखिरी उपन्यास है और दिलचस्प बात यह कि चिंगारी की जो असली कहानी थी वह भी लेखक के पास नहीं थी। न ही चिंगारी में असली कहानी छपी है। फिर भी यह उपन्यास छापना पड़ा था क्योंकि वह प्रकाशक की कारोबारी विवशता थी। इस इंकलाबी दावे के सारे एविडेंस चिंगारी में ही मौजूद हैं। जिन्हें चाहिए वह चिंगारी पढ़कर देख लें। जो कहानी 'चिंगारी' में छपी है वह उसके प्रकाशन की तारीख से लगभग 20 (बीस साल)पहले लिखी गई है। जिसमें आपको न मोबाइल मिलेगा,न इंटरनेट मिलेगा, न सोशल मीडिया मिलेगा,न ही नए दौर की आधुनिकता का कोई भी दूसरा समावेश। सब कुछ बीस साल पहले के दौर का मिलेगा और खोजबीन करने वाले खोजी चाहे जितना प्रयास करके देख लें मगर यह नहीं जान पाएंगे कि आखिर ऐसा क्यों हुआ था?
हटाएंShagun sharma ke kucch hi novel padhe enhone vijay,vikas aur keshav pandit par hi likha vijeta inka mukhya patra hota tha kuchh thriller bhi likhe par vedprakash sharma jaisa maza nahi aaya Shagun sharma ke novels mein
जवाब देंहटाएंagnikund ke ad ki pantiya utsukta jagati hai yadi ye novel prakashit hota to achha hota
na jane kya karan raha ki Shagun sharma ji novels likhna hi band kar diya
Bahut hi achchhi jankari. Ummeed hai ki agar kisi ke paas koi jankari ho to sabke saath share kare.
जवाब देंहटाएं