20 जनवरी 2022

वेद प्रकाश शर्मा - हिंदी उपन्यासकार



साथियों, वैसे तो वेद प्रकाश शर्मा जी को किसी परिचय की आवश्यकता नही है पर हमारा ये पोस्ट उन्हीं पर आधारित है। 

वेद प्रकाश शर्मा जी हिंदी लोकप्रिय साहित्य (लुगदी साहित्य) में अपने समय के सबसे प्रसिद्ध उपन्यासकारों में से एक रहे हैं। इनका जन्म वर्ष 1955 में मेरठ, उत्तर प्रदेश में हुआ था और निधन वर्ष 2017 में कैंसर की बीमारी के कारण हुआ था। इनके परिवार में इनकी पत्नी, तीन पुत्रियां तथा एक पुत्र है। इनके पुत्र शगुन शर्मा भी एक उपन्यासकार हैं और अब तक 30 से भी अधिक उपन्यास लिख चुके हैं। 

वेद जी ने अपने 40 से भी अधिक वर्षों के लेखन कैरियर में 170 से ज्यादा उपन्यास लिखे हैं। वेद जी ने अपना कैरियर भूत लेखक (घोस्ट राइटर) के रूप में आरंभ किया था और कुछ वर्ष पश्चात इनके उपन्यास स्वयं के नाम से भी प्रकाशित होने लगे। 1973 में प्रकाशित "दहकते शहर" उपन्यास वेद जी का स्वयं के नाम से प्रकाशित हुआ प्रथम उपन्यास था। यहां से वेद जी सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गए और शीघ्र ही अग्रणी लेखकों में इनका नाम लिया जाने लगा। वेद जी मुख्यत: थ्रिलर, सस्पेंस एवं जासूसी श्रेणी के उपन्यास लिखते थे। इन सभी श्रेणियों में इनके बहुत से उपन्यास सफल रहे हैं और पाठकों द्वारा सराहे गए हैं। बहू मांगे इंसाफ, गैंडा, विजय और केशव पंडित, कोख का मोती, विजय के सात फेरे, कैदी नंबर 100, शाकाहारी खंजर, मंगल सम्राट विकास, चकमा, लल्लू, एक मुट्ठी दर्द तथा ऐसे और भी अनेक उपन्यास इनके सफल उपन्यासों की सूची में शामिल हैं। खासकर "वर्दी वाला गुंडा" उपन्यास इनका अब तक का सफलतम और सर्वाधिक बिकने वाला उपन्यास रहा है। 

 जब वेद जी का "वर्दी वाला गुंडा" उपन्यास प्रकाशित हुआ तो इसने उस समय के उपन्यास बिक्री के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए। कई बार इसका रिप्रिंट किया गया। बहुत सी जगहों पे इसके पोस्टर भी लगे और खूब धूम मची इस उपन्यास की। लोकप्रिय साहित्य के किसी उपन्यास के लिए ये एक प्रेरणादायक और अनूठा मुकाम था।

अब अगर पात्रों की बात की जाए तो वेद जी ने विकास, केशव पंडित और विभा जिंदल जैसे प्रसिद्ध पात्रों का सृजन दिया। हालांकि वेद जी केशव पंडित को लेकर ज्यादा उपन्यास नही लिख पाए थे परंतु उनका "केशव पंडित" पात्र हिंदी उपन्यास जगत ने इतना प्रसिद्ध हुआ था कि अनेक प्रकाशकों ने केशव पंडित के नाम की सफलता को भुनाने के लिए अपने भूत लेखकों से केशव पंडित के उपन्यास लिखवा कर मार्केट में बेचने शुरू कर दिए। केशव पंडित की प्रसिद्धि का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि एक लंबे समय तक केशव पंडित के नाम से छपने वाले नकली उपन्यास भी अच्छे-खासे बिकते रहे। 
वेद प्रकाश शर्मा जी पहले से ही वेद प्रकाश कंबोज जी को अपना गुरु और प्रेरणा मानते थे। वेद जी ने कंबोज जी के विजय, रघुनाथ, अल्फांसे, सिंगही, बागारोफ जैसे पात्रों को अपने अंदाज में बेहद सफलता से प्रस्तुत किया है। 

पहले वेद जी के उपन्यास अलग-अलग प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित किए जाते थे। बाद में वेद जी ने वर्ष 1985 में अपने प्रकाशन संस्थान "तुलसी पॉकेट बुक्स" की स्थापना की और फिर उनके बाकी उपन्यास यहीं से प्रकाशित हुए। इनके लगभग 70 के करीब उपन्यास तुलसी पॉकेट बुक्स से ही प्रकाशित हुए हैं। 
वेद जी के कई उपन्यासों पर हिंदी फिल्में भी बन चुकी हैं जैसे कि सबसे बड़ा खिलाड़ी, अनाम, इंटरनेशनल खिलाड़ी, बहू मांगे इंसाफ। इनके केशव पंडित नामक पात्र पर बालाजी टेलीफिल्म्स द्वारा एक टीवी सीरियल भी बनाया जा चुका है। इसके अलावा वेद जी ने बालाजी टेलीफिल्म्स के साथ कुछ और प्रोजेक्ट्स पर भी काम किया था। 

"अतरंगी रे" फिल्म के इस दृश्य में अक्षय कुमार वेद जी का उपन्यास "सुपरस्टार" हाथ में लिए हुए हैं और उसे पढ़ रहे होते हैं। एक और दिलचस्प बात ये है कि सुपरस्टार उपन्यास वेद जी द्वारा अपने समय के प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता राजेश खन्ना के जीवन से प्रेरित होकर लिखा गया था और राजेश खन्ना जी रिश्ते में अक्षय कुमार के ससुर हैं। यहां पर आपको ये भी बता दें कि अक्षय कुमार पहले भी वेद जी के उपन्यासों पर आधारित कुछ फिल्मों में काम कर चुके हैं।

वेद जी को उनके उत्कृष्ट लेखन कार्य के लिए "मेरठ रत्न" तथा "नटराज भूषण" जैसे पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है। 

वेद जी पाठकों द्वारा दिए गए प्यार को ही सबसे महत्त्वपूर्ण मानते थे। वेद जी शुरू से ही पाठकों की उपन्यासों के प्रति रुचि तथा उनकी नब्ज अच्छी तरह से पहचानते थे और इसी कारण अपने पाठकों पर उनकी पकड़ हमेशा बेहद मजबूत रही थी। आज भी बहुत से पाठक उनके उपन्यास बेहद चाव से पढ़ते हैं और उन्हें याद करते हैं। 

वेद जी द्वारा लिखे गए उपन्यासों ने लाखों-करोड़ों पाठकों का मनोरंजन किया है। हिंदी लोकप्रिय साहित्य में उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। इस आलेख के माध्यम से हम वेद जी को भाव-भीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। 

वेद प्रकाश शर्मा जी द्वारा लिखित उपन्यासों की सूची :-
1 दहकते शहर
 2 आग के बेटे
 3 खूनी छलावा 
 4 छलावा और शैतान 
 5 महाबली टुम्बकटू
 6 विकास दी ग्रेट 
 7 प्रलयकारी विकास 
 8 एक मुठ्ठी दर्द 
 9 विकास और मैकांबर
10 विकास मैकांबर के देश में
11 मैकांबर का अंत
12 अपराधी विकास
13 मंगल सम्राट विकास 
14 विनाश दूत विकास 
15 विकास की वापसी 
16 विजय और विकास 
17 पहली क्रांति 
18 दूसरी क्रांति 
19 तीसरी क्रांति 
20 क्रांति का देवता 
21 इंकलाब का पुजारी 
22 सबसे बड़ा जासूस 
23 चीते का दुश्मन 
24 सुमन
25 सी. आई.ए. का आतंक 
26 बदसूरत 
27 प्रिंसेस जैक्सन का देश 
28 पाकिस्तान का बदला 
29 विश्व विजेता 
30 हीरों का बादशाह 
31 अर्थी मेरे प्यार की  
32 रहस्य के बीच
33 तीन तिलंगे 
34 आग लगे दौलत को  
35 शहीदो की चिता 
36 खून की धरती
37 तिरंगा झुके नहीं
38 वतन की कसम 
39 सिंगही और मर्डर लैंड 
40 देवकांता संतति भाग-1-2 
41 देवकांता संतति भाग-3-4
42 देवकांता संतति भाग-5-6
43 देवकांता संतति भाग-7-8
44 देवकांता संतति भाग-9-10
45 देवकांता संतति भाग-11-12
46 देवकांता संतति भाग-13-14
47 लाश कहाँ छुपाऊ 
48 कानून मेरे पीछे 
49 आलपिन का खिलाडी
50 वतन 
51 गुलिश्तां खिल उठा  
52 आयरन मैन 
53 कोबरा का दुश्मन
54 सफ़ेद चूहा 
55 खून दो आजादी लो
56 बिच्छू 
57 हिन्द का बेटा
58 देश न जल जाये
59 कानून बदल डालो
60 फ़ासी दो कानून को
61 जला हुआ वतन
62 चीख उठा हिमालय
63 दौलत है ईमान मेरा
64 आ बैल मुझे मार
65 धरती बनी दुल्हन
66 विश्व युद्ध की आग 
67 चकमा
68 खून ने रंग बदला
69 रूक गयी धरती 
70 कर्फ्यू
71 शेर का बच्चा
72 जजमेंट
73 हत्यारा कौन
74 मत रो माँ
75 लाखों हैं लाल मेरे
76 हिंसक 
77 दरिंदा 
78 गैंडा
79 क़त्ल ए आम 
80 जय हिन्द
81 वन्दे मातरम 
82 दौलत पर टपका खून 
83 एक कब्र सरहद पर 
84 रणभूमि
85 गन का फैसला
86 राखी और सिन्दूर
87 माटी मेरे देश की
88 एक और अभिमन्यु 
89 सारे जहां से ऊँचा 
90 सभी दीवाने दौलत के 
91 इंकलाब जिंदाबाद 
92 दूध ना बख्शूंगी 
93 धर्मयुद्ध 
94 बहू मांगे इन्साफ 
95 साढ़े तीन घंटे 
96 अलफांसे की शादी 
97 कफ़न तेरे बेटे का 
98 विधवा का पति 
99 हत्या एक सुहागन की 
100 कैदी न. १०० 
101 इंसाफ का सूरज 
102 दुल्हन मांगे दहेज़ 
103 सुलग उठा सिन्दूर 
104 मेरे बच्चे मेरा घर 
105 आज का रावण 
106 नसीब मेरा दुशमन 
107 बहु की आवाज
108 शीशे की अयोध्या
109 औरत एक पहेली
110 केशव पंडित 
111 कानून का पंडित 
112 कानून का बेटा  
113 विजय और केशव पंडित 
114 कोंख का मोती 
115 मांग में अंगारे
116 बीवी का नशा
117 साजन की साजिश 
118 सबसे बड़ी साजिश
119 भगवान नंबर दो 
120 सुहाग से बड़ा 
121 चक्रव्यहू 
122 जुर्म की माँ 
123 कुबड़ा  
124 नाम का हिटलर 
125 कानून नहीं बिकेगा 
126 दौलत मांगे खून 
127 दहेज़ में रिवाल्वर 
128 जादू भरा जाल 
129 वर्दी वाला गुंडा 
130 जिगर का टुकड़ा
131 लल्लू
132 रैना कहे पुकार के
133 भस्मासुर
134 मेरा बेटा सबका बाप 
135 पागल 
136 मि. चैलेंज 
137 वो साल खद्दरवाला 
138 कातिल होतो ऐसा 
139 शाकाहारी खंजर 
140 मदारी
141 फंस गया अलफांसे 
142 पंगा 
143 कारीगर 
144 ट्रिक 
145 कठपुतली 
146 एक थप्पड़ हिंदुस्तानी 
147 पाक-साफ़ 
148 गूंगा 
149 डमरूवाला 
150 असली खिलाडी 
151 शिखंडी 
152 रामबाण 
153 दूर की कौड़ी 
154 काला अंग्रेज 
155 फिरंगी 
156 खलीफा 
157 शंखनाद 
158 क्यूंकि वो बीवियां बदलते थे 
159 वेदमंत्र 
160 अंगारा 
161 शेखचिल्ली 
162 हत्यारा मंगलसूत्र 
163 केशव पंडित की वापसी 
164 विजय के सात फेरे 
165 नौकरी डाट कॉम 
166 खेल गया खेल 
167 सुपरस्टार 
168 पैंतरा 
169 कश्मीर का बेटा 
170 चलते पुर्जे 
171 डायन 
172 डायन -2 
173 सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री 
174 अपने कत्ल की सुपारी
175 गद्दार देशभक्त
176 आनर किलींग
177 छठी उंगली
178 भयंकरा

आप सभी के लिए उपलब्ध वेद प्रकाश शर्मा जी के उपन्यास संग्रह की एक झलक!

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16 टिप्‍पणियां:

  1. शर्मा जी जब तक मनोज में छप रहे थे वे उत्कृष्ट लिख रहे थे। परंतु अपनी खुद की फर्म तुलसी पॉकेट बुक्स स्थापित करते ही वे लेखक से एक धूर्त व्यापारी में तब्दील हो गए। अपनी फर्म द्वारा प्रकाशित उपन्यासों को पब्लिसिटी दिलाने के लिए इन्होंने सस्ते और घटिया हथकंडे अपनाने शुरू कर दिए मसलन यह प्रचारित करना कि विरोधी इनके सिर पर रिवाल्वर रखकर इनसे उपन्यास लिखवाना चाह रहे हैं या फिर इनके उपन्यास का कवर लन्दन में छप कर आ रहा है और या इनके फ़लाने उपन्यास के कवर से विरोधियों को आपत्ति है जिसके चलते उन्होंने उसके कवर पर कालिख पोत दी। इत्यादि-इत्यादि।

    एक उत्कृष्ट लेखक को एक धूर्त व्यापारी बनते देखना बड़ा कष्टदायक था।

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  2. ved ji meri nazar mahajan lekhak rahe jasusi novels ke
    ved ji ke baare mein bhuhut acchi jankari yahna aapne provide karayi hai
    ved ji naam par teen novel ghost writer ne likh diye jis ved ji case kar diya tha ya aapatti jatai
    ved ji ne jo kaha ki virodhi en se likha rahe hai ya vidrohiyon ko aapatti hai
    kya pata sach kaha ho
    koi praman thode hi hai ki ved ji ne jhooth kaha hoga

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  3. सुनील भाई बहुत अच्छा लेख लिखा हैं आपने ।

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  4. ज़बरदस्त आलेख...... सुनील भाई........ 👍👍👍👍👍👍🤗🤗

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  5. वेदजी एक बेहतरीन लेखक थे,उनकी कमी उपन्यास जगत में हमेशा महसूस की जाएगी,बेहतरीन समीक्षा सुनीलजी

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  6. वाह भाई आपने वेद प्रकाश जी जैसे महान लेखक के बारे में काफी जानकारी उपलब्ध कराई जो पहले नही पता थी। उनकी कमी हमेशा खलेगी। अभी एक भाई ने शुरू में जो लिखा कि वो व्यापारी में तब्दील हो गए थे माफ कीजिए सहमत नही हु। वो निश्चित ही महान व्यक्तित्व के मालिक थे। आपने काफी अच्छे फोटो शेयर किए। उनके कलेक्शन का फोटो शानदार है। उम्मीद करूँगा आप ओर लेखको के बारे में भी परिचित कराएंगे। एक बार फिर कहूंगा इनकी कमी उपन्यास जगत में हमेशा खलती रहेगी

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  7. शुक्रिया सुनील जी खूबूसरत आलेख के लिए । उनके अवसान के बाद पॉकेट बुक्स व्यवसाय डगमगाने लगा था ।

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  8. मुझे भी उपन्यास पढ़ने चस्का वेद प्रकाश शर्मा जी का ही उपन्यास पढ़कर लगा था, अभिनेता अक्षय कुमार को फ़िल्म जगत में खिलाड़ी कुमार के नाम से जो प्रसिद्धि मिली उनमे शर्मा जी का बहुत योगदान है।उनकी कमी उपन्यास जगत को हमेशा ही खलती रहेगी। उनके बारे में ये शानदार लेख पढ़कर बहुत ही बढ़िया लगा। धन्यवाद भाई।

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  9. बढ़िया जानकारी है सच कहूं तो उपन्यास पढ़ना शुरू किया था तो सिर्फ वेद प्रकाश शर्मा जी को ही खोज खोज कर पढ़ता था
    और भी राइटर है पर देशभक्ति का जो जज्बा और जोश वेद जी के नॉवेल पढ़ने के बाद आता था वो कुछ अलग ही लेवल का होता था
    मै ये नहीं कहूंगा की इनसे अच्छा कोई नहीं लिखता था पर ये भी बहुत अच्छे लेखक थे अपने टाइम के
    और इनके उपन्यास पढ़ना एक समय स्टेटस सिंबल माना जाता था
    मेरे हिसाब से वेद जी के नॉवेल में एक कंप्लीट पैकेज होता था
    थोड़ी कॉमेडी थोड़ी जासूसी थोड़ा हंसी मजाक और देश भक्ति सब कुछ

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  10. Bht acchi jaankari h bhai...accha lga padh kr vps acche writter the..aapka dhanyawad..

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  11. बहुत बढ़िया लिखा है।जानकारी पूरे परिवार की और उनकी प्रकाशित सभी उपन्यास की लिस्ट भी।अगर उनके उपन्यास उनके नाम से छपने से पहले जो दूसरे लेखकों के नाम से छपी उनकी लिस्ट भी मिलजाती तो सोने पे सुहागा होता।

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  12. वेद प्रकाश शर्मा एक महान लेखक थे और उनके लिखे ज्यादातर नॉवेल मैने पढ़े है सब एक से बढ़ कर एक साहित्य जगत में उनकी कमी हमेशा खलेगी

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  13. शर्मा जी के ढेरों उपन्यास पढ़े हैं। उनके थ्रिलर और विजय विकास सीरीज के सारे उपन्यास शानदार हैं। उन्होंने वतन नामक चरित्र को भी रचा था जो अपने आप मे बेहतरीन था। इन महान लेखक को शत शत नमन....🙏🏻🙏🏻🙏🏻

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  14. Achhi jankari di aapne. Ved ji hindi upanyas jagat ke behatrin upaanyaskaro me se ek the.

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