प्रिय साथियों ! अप्रकाशित उपन्यासों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने के क्रम को आगे बढ़ाते हुए आज आपको इस पोस्ट में हम बताने जा रहे हैं एक और अप्रकाशित उपन्यास "असली केशव पंडित" के बारे में जो कि शगुन शर्मा का है !
विज्ञापन के अनुसार यह उपन्यास शगुन शर्मा के एक महाविशेषांक के रूप में तुलसी पॉकेट बुक्स से प्रकाशित होने वाला था। विज्ञापन में उपन्यास की कहानी का आधार दो केशव पंडित को दर्शाया गया है - एक असली केशव और दूसरा नकली केशव। साथ ही विजय, विकास और अल्फांसे के किरदार भी कहानी में उपस्थित हैं। विज्ञापन के हिसाब से अगर देखा जाए तो इस कहानी में असली केशव पंडित, विजय, विकास और अल्फांसे जैसे दिग्गजों की जबरदस्त दिमागी टक्कर नकली केशव पंडित के साथ होती है।
अगर ये उपन्यास महाविशेषांक के रूप में प्रकाशित हुआ होता तो इस दिमागी टक्कर को पढ़ना शायद रोचक रहता। शायद इसलिए क्योंकि केशव पंडित का एक अच्छा और दिमागी दांव-पेंच से भरपूर उपन्यास लिखना इतना आसान नहीं है।
उपरोक्त लिखित जानकारी के अलावा हमारे पास इस उपन्यास के बारे में अन्य कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।
अगर आप इस उपन्यास के बारे में कोई और जानकारी रखते हैं तो कमेंट्स के माध्यम से हमारे साथ जरूर शेयर करें।
Thanks for digging this
जवाब देंहटाएंजय हो......... 👍👍👍👍👍👍👍..... बढ़िया कार्य जारी रखिए सुनील भाई...... 🤗🤗🤗🤗🤗🤗🤗
जवाब देंहटाएंजब इसका add देखा था तो हमेशा से ही यही कल्पना करता था कि इस नावेल में बहुत ही जबरदस्त स्टोरी होगी। पर उस टाइम ये नही जानता था कि इसको पढ़ना मुश्किल ही नही नामुमकिन भी होगा । क्योंकि शायद ही यह कभी भविष्य में पब्लिश हो?
जवाब देंहटाएंशानदार पोस्ट लिखने के लिए धन्यवाद भाई, उम्मीद है भविष्य में भी ऐसी ही अनेक पोस्ट हैम सभी को पढ़ने को मिलती रहेगी।👌👌👍👍
रोचक जानकारी।
जवाब देंहटाएंये तो कभी आया ही नही फिर ,
जवाब देंहटाएंआया होता तो पता चलता कौन है एसली कौन है नक़ली,
शायद कभी भविष्य में आये
Pata nahi, ye novel kab ayega. Shagun Sharma ke novel to bajar se gayab hai ajkal.
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