27 अक्तूबर 2021

चिड़ीमार - राज भारती (अप्रकाशित उपन्यास)

आज हम इस पोस्ट में बात कर रहे हैं दिवंगत प्रसिद्ध लेखक राज भारती जी के अब तक अप्रकाशित उपन्यास चिड़ीमार की!!

चिड़ीमार उपन्यास की पब्लिसिटी राज भारती जी द्वारा रचित किरदार कमलकांत की चक्रव्यूह सीरीज के 28वें उपन्यास के रूप में की गयी थी और इसका ad भी दिया गया था पर ये उपन्यास कभी प्रकाशित नहीं हो पाया


  

Ad में कहानी की भूमिका कुछ इस प्रकार दी गई है कि एक अनाम किरदार अपने आप को बड़ा सूरमा समझता है पर उसका टकराव कमलकांत से होता है और कमलकांत उसे नाम देता है "चिड़ीमार"!!

इस उपन्यास के बारे में अभी तक ये पता नहीं लग सका है कि इसका प्रकाशन किस कारण से रुका! 

क्या उपन्यास राज भारती जी के असामयिक निधन के कारण लिखा ही नहीं जा सका या लेखन अधूरा रह गया या फिर लेखन तो पूरा हुआ पर उपन्यास का प्रकाशन नहीं हो पाया? 

कारण चाहे जो भी रहा हो, पाठकों को आज भी इस उपन्यास का इन्तजार है कमलकांत की चक्रव्यूह सीरीज अभी भी अधूरी है चिड़ीमार उपन्यास का प्रकाशन न सिर्फ इस अधूरेपन को भर सकता है बल्कि पाठकों को एक बार फिर कमलकांत की हैरतअंगेज दुनिया में जाने का अवसर दे सकता है


अगर आपके पास इस सन्दर्भ में कोई भी जानकारी हो तो हमें कमैंट्स के माध्यम से अवश्य अवगत कराएं


4 टिप्‍पणियां:

  1. हां, यह उपन्यास कभी नहीं आया।

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  2. han koi aur lekhak is series ko aage badhaye
    to ye ashru kahani poori ho sakti hai

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  3. राज भारती (कमलकांत सीरीज)
    1 चक्रव्यूह
    2 चक्रवात
    3 त्रिशूल
    4.जोरावर
    5 खूनी आंखे कातिल हाथ
    6 कहर आंखों का
    7. हाईकमांड
    8. नीली आंखों के गुलाम
    9 मौत का साज
    10 अजनबी लोग,अनजाने खतरे
    11 नागिन
    12. छछून्दर
    13 गोली की रफ्तार
    14 होश उड़ा दूँगा
    15 काली बिल्ली
    16 बवंडर
    17 काठ की हांडी
    18 नाक का बाल
    19 खुदा खैर करे
    20 अंधा खलीफा
    21 करामाती शै
    22 तिगनी का नाच
    23 तेरी गर्दन मेरे हाथ
    24 मौत खड़ी तेरे द्वार
    25 विषकन्या
    26 हिसाब बराबर
    27 कातिल माने ना
    28 काम तमाम
    29 सारे दिमाग मेरे शिकार
    30 दिल तो कातिल है
    31. चिड़ीमार (अप्रकाशित)

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  4. Is upanyas ka mujhe bhi intjaar hai par ye kabhi nahi aaya.
    Raj Bharti ji ne bahut se novels likhe hain. Unke nidhan ke paschaat unki kai novel series adhoori rah gayi hain.

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