01 अक्तूबर 2021

पीरागढ़ी का प्रेत - राजभारती

उपन्यास 📖: पीरागढ़ी का प्रेत 
लेखक ✍: राजभारती
पेज संख्या 📃: 289

एक ऐसे भयानक प्रेत की दास्तान जो एक काले बिल्ले के वेश में रहता था और एक हसीना पर आसक्त हो गया था। 

"वो एक काला बिल्ला था जो कि बहुत ही भयानक शक्ल वाला प्रेत था। उसके पास अपरंपार ताकत थी। दुनिया भर के बेशकीमती हीरे जवाहरात और खजाने लाकर उसने नीलम के कदमों में डाल दिए थे।"

कहानी की शुरुआत नीलम और आशीष की शादी से होती है। नीलम की शादी आशीष से होने वाली होती है पर शादी से कुछ पहले कुछ ऐसी भयानक घटनाएं घटने लगती हैं जिस से आशीष और नीलम के घरवाले भयभीत हो जाते हैं। शादी होने के पश्चात नीलम आशीष की दुल्हन बन कर आशीष के घर आ जाती है पर आशीष नीलम के साथ न ही सुहागरात मना पाता है और ना ही नीलम को स्पर्श कर पाता है। एक काला बिल्ला आशीष और नीलम की जिंदगी में जहर घोल देता है। हरबंस मामू और उनके पीर की मदद ली जाती है और हरबंस मामू उस प्रेत को भगाने के लिए कब्रिस्तान में आपनी और से पूरा प्रयास करते हैं पर वो प्रेत तो भागने की जगह और भयानक हो जाता है। 

उपन्यास समाप्त होने पर कुछ सवाल आपके दिमाग में सहज ही छोड़ जाता है जैसे कि:

कब्रिस्तान में लाशों के ऊपर बैठने वाला व्यक्ति कौन था ? 
शहजादा करल कौन था?
कुत्ते जैसी ज़बान वाली चुड़ैल कौन थी और वो नीलम के बेड पर ही क्यों सोती थी?
रोज रात को नीलम के पैरों से लिपट कर सोने वाला अजीब सा नीला जानवर कौन था? 
आशीष की मां के बेड पर कफन में लिपटा हुआ वो जला हुआ आदमी कौन था जिसके पूरे जिस्म पर बाल थे और उसकी आधी खोपड़ी उधड़ी हुई थी?
काले बिल्ले का रहस्यमयी घर कैसा था जहां पर शैतान और भयानक आदमखोर जिन्न रहते थे ?
क्या नीलम उस काले बिल्ले के प्रकोप से मुक्त हो पाई ?
इमली वाले बाबा कौन थे जिनके वश में कई जिन्नात थे ?
जिन्नात और प्रेत के लड़ाई में कौन जीता ?
 
इन्ही सब सवालों के जवाब पाने के लिए पीरागढ़ी का प्रेत ज़रूर पढ़े । 

उपन्यास की घटनाओं को राज भारती जी ने बहुत ही अच्छे से पिरोया है। हरबंस मामू और उनके पीर का किरदार तो जबरदस्त है ही, पर उससे भी ज्यादा जबरदस्त है वो काला बिल्ला जो हमेशा नीलम के इर्द गिर्द घूमता रहता है। 

ये कहानी दो भाग में है - पहला भाग है "पीरागढ़ी का प्रेत" उपन्यास और दूसरा भाग है 'प्रेत की दुल्हन" उपन्यास। 

पीरागढ़ी के प्रेत में पूरे उपन्यास में प्रेत लीलाओं का वर्णन है । कुछ सीन तो इतने भयानक लिखे हुए हैं कि उनको पढ़ते वक्त आपको महसूस होगा कि वो काला बिल्ला आप ही के आस पास कहीं है।
ये उपन्यास भूत-प्रेत के ऊपर लिखी कहानियों में एक मील का पत्थर है। एक बार जरूर पढ़ कर देखे।

5 टिप्‍पणियां:

  1. Aapne jo vyakhya ki hai.. usne is upnyas ko padne ki utsukta jga di haii..Bhayanak story lagti h

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  2. उपन्यास के प्रति उत्सुकता जागृत करने वाला आलेख। जल्द ही पढ़ने की कोशिश रहेगी।

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  3. maine ye novel padha mujhe superb laga
    kya kya karishma is novel mein padhne ko nahi mila shuruaat mein hi ticket pret train mein baith jata aur poore yatriyon ki ticket gayab kar deta kya kya Sean nahi hote mst novel

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  4. Novel review looks interesting, will try to read this novel. Late Raj Bharti has written many good horror novels.

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