25 जून 2021

नागलैंड - विकास भांति

ये विकाश भांति जी की तीसरी बुक है जो फ्लाई ड्रीम से प्रकाशित हुई है। तो चलिए आपको इस बुक के बारे में बताते है।

पुस्तक का नाम: नागलैंड
लेखक: विकास भांति
प्रकाशक: फ्लाई ड्रीम 
पेज: 175
बुक खरीदने का लिंक - एमेजॉन लिंक




इसी पुस्तक से एक अंश:-
"इस जगह से आगे का क्षेत्र पिंजालियो का है। इस सीमा के आगे भारत के राज सविधान और धाराओं के कोई भी नियम लागू नहीं होते। पिंजालियों की अस्मिता को बरकरार रखने के लिए भारत सरकार दृढ़ है। पांच हजार वर्ष पुरानी इस सभ्यता की रक्षा और सम्मान हमारा दायित्व है।अत: आपसे अनुरोध है कि कृपया इस सीमा के आगे जाने का प्रयास न करें।"

कहानी की शुरुआत होती है मानव दुआ से। मानव एक प्रैस रिपोर्टर होता है । एक बार वो सीएम की एक आपत्तिजनक फोटो निकल लेता है जिसे बाद में वो मंत्री को देकर उसके बदले में 50 हजार रुपए लेता है। फिर मंत्री जी की पार्टी में काम करने लगता है । कुछ समय बीतने पर मंत्री एक जमीनी विवाद में एक धोबिन की हत्या करवा देता है | विनोद जो एक प्रैस रिपोर्टर होते है, और मानव को एक प्रैस रिपोर्ट बनाते है और उस न्यूज को दुनिया के सामने लाने को कोशिश करते है पर कुछ दिनों बाद विनोद जी की हत्या हो जाती है। मानव मंत्री जी को छोड़ कर एक यू ट्यूबर बन जाता है और पता करता है अलग-अलग रहस्य। ऐसे ही एक दिन उसके हाथो में एक मैगजीन आती है जिसमे छिपा होता है नागलैंड तक का सफ़र।

क्या मानव नागलैंड को खोज पाएगा या फिर जैसे बाकी सभी वहां जाने के बाद गायब हुए थे, वैसा ही मानव के साथ भी होगा ?
क्या मानव आपने गुरु (प्रैस रिपोर्टर) विनोद के मर्डर के बाद धोबिन के केस का कच्चा चिट्ठा खोल पाएगा ?
आखिर क्या था नागलैंड और नागमणि का रहस्य ?
आखिर ऐसा क्या था नागलैंड में कि नागलैंड को छोड़ने पर वहां का हर सदस्य एक हफ्ते के अंदर ही मृत्यु को प्राप्त कर लेता था ?
ऐसे ही कुछ और सवालों के आपको जवाब मिलेंगे नागलैंड को पढ़ कर...

अब बात करे किताब की तो किताब सस्पेंस, थ्रिलर और कॉमेडी से भरी हुई है। अगर आपको जंगल अच्छे लगते है तो आपको ये कहानी जरूर पढ़नी चाहिए। कहते हैं ना कि डर के आगे जीत है, गलत कहते हैं। डर के आगे कभी कभी मौत भी होती है। 
मानव को जीत मिलती है या मौत ? ये जानने के लिए पढ़िए कॉमेडी सस्पेंस थ्रिलर नागलैंड।

अब बात करे गलतियों की तो शाब्दिक गलतियां ना के बराबर है। इन दिनों काफी पुस्तके पढ़ी है जो शाब्दिक गलतियों से भरी हुई होती है। यहां ये देखने को नहीं मिली। मुझे कहानी में जो मिसिंग लगा वो ये कि कहानी के अंत तक मोहम्मद कैसे मारा गया और उसे किसने मारकर दफन किया, इसका खुलासा नहीं किया गया है जो कि मेरी नजर में किया जाना चाहिए था। ऐसे ही एक और बात है जिसका खुलासा किया जाना चाहिए था। उस बात को नही लिख रहा क्योंकि दूसरे पाठको के लिए भी तो सर्च करने के लिए कुछ होना चाहिए। 

पुस्तक की बात करू तो सबसे अच्छा इसका कवर लगा | कवर आर्टिस्ट को मेरी तरफ से शुभकामनाए जो इतना बढ़िया कवर बनाया।

लेखक को अगले भाग के लिए मेरी तरफ से शुभकामनाए। अब ये कैसे तो लास्ट में जो अगली जर्नी का क्लू मिला है इसके कारण।

रेटिंग:- 4/5

नोट:- कहानी इस पुस्तक के नाम के पूर्णतया अनुरूप नही है ! जैसे कि नागलैंड लिखा है और नागमणि को ढूंढना है। तो यहां आपको बता दूं - इसमें नागलैंड एक जगह का नाम है न कि नागों की बस्ती या शहर और नागमणि वो नही है (जो इच्छाधारी नागो के पास होती है)| ना ही इस पुस्तक मे आपको नागों के साथ कोई एक्शन सीन मिलेगा। ये एक अलग तरह की कहानी है। 

4 टिप्‍पणियां:

  1. लाजवाब समीक्षा भाई ������
    जल्द ही पढ़ कर मै भी देखता हूं ����

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  2. नागालँड के बारे मे बहुत रोचक लिखा है ।
    बुक पढ कर मुझे कोहिमा कॉन्ट्रीपसी बुक की याद आ रही है जीसमे भी इसी टाइप की स्टोरी है ।
    बाकी मसाला अच्छा दिखा रहा है इसी लिये पाठक लोग पढ लेगे जरूर ।

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  3. रिव्यु पढ़ कर नॉवेल पढ़ने की इच्छा जागृत हो गई...... 😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊...... बढ़िया समीक्षा सुनील भाई...... 👍👍👍👍👍👍

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